चार वेद : : ऋग्वेद, सामवेद, अथर्ववेद, यजुर्वेद।
छ: शास्त्र : वेदांग, सांख्य, योग, निरुक्त व्याकरण, छन्द।
सात नदियाँ : गंगाजल, जमुना, गोदावरी, सरस्वती, नर्मदा, सिंधु, कावेरी।
अट्ठारह पुराण : गरुड़ पुराण, भागवत पुराण, हरिवंश पुराण , भविष्य पुराण , लिंग पुराण, पद्म पुराण , बावन पुराण, कुर्म पुराण, ब्रह्मवैवर्त पुराण , मत्स्य पुराण , स्कंध पुराण, ब्रह्म पुराण, नारद पुराण, कल्कि पुराण, अग्नि पुराण, शिव पुराण, विष्णु पुराण, वराह पुराण।
पंचामृत : दूध , दही , घी, शहद, शक्कर।
पाँच तत्व : पृथ्वी, जल, वायु, आकाश, अग्नि।
तीन गुण : सतोगुण, रजोगुण, तमोगुण।
तीन दोष शरीर : वात, पित्त, कफ।
तीन लोक : आकाश, पाताल, मृत्यु लोक।
सात सागर : क्षीरसागर, दूधी सागर, घृत सागर, पयान सागर, मधुसागर, मदिरा सागर, लहू सागर।
सात द्वीप : जंबूद्वीप, पलक्ष द्वीप, कुश द्वीप, शालमाली द्वीप, क्रौंच द्वीप, शंकर द्वीप, पुष्कर।
तीन देव : ब्रह्मा, विष्णु, महेश।
तीन जीव : जलचर, नभचर, थलचर।
तीन वायु : शीतल, मंद, सुगंध।
चार वर्ण : ब्राह्मण, क्षत्रिय,वैश्य, शूद्र।
चौदह भुवन : तल,अतल, वितल, सुतल, रसातल, पाताल, भूवलोक, र्भूलोक, स्वर्ग लोक, मृत्यु लोक, यमलोक, वरुण लोक, सत्यलोक ब्रह्मलोक।
चार फल : धर्म,अर्थ, काम,मोक्ष।
चार शत्रु : काम, क्रोध, लोभ, मोह |
चार आश्रम : ब्रह्मचर्य, गृहस्थ,वानप्रस्थ सन्यास।
चार धाम : बद्रीनाथ,द्वारका,रामेश्वरम, जगन्नाथ पूरी ।
चार आश्रम : ब्रह्मचर्य, गृहस्थ, वानप्रस्थ, सन्यास।
पच्चंगव्य : दूध, दही, घी, गोबर यज्ञ।
अष्ट धातु : सोना, चांदी, ताँबा, लोहा, शीशा, काँसा, राँगा, पीतल ।
पाँच देव : ब्रह्मा, विष्णु, महेश, गणेश, सूर्य।
चौदह रत्न : अमृत, ऐरावत हाथी, कल्पवृक्ष, कौस्तुभ मणि, उचचैश्रवा घोड़ा, शंख, चंद्रमा, धनुष, कामधेनु,धन्वंतरि वैद्य, रंभा अप्सरा, लक्ष्मी, वारुणी, वृष ।
नौ विधि : पक्ष,महापक्ष,शंख,मकर, कश्यप, कुकन्द, मुकन्द,नील बर्च।
नवधा भक्ति : श्रवण, कीर्तन,स्मरण, पादसेवन, अर्चना, वंदना, मित्र, दास्य, आत्मानिवेदन।
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