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Friday, April 18, 2025

भगवत गीता

सर्वधर्मान्परित्यज्य मामेकं शरणं व्रज ।
सभी धर्मों का त्याग कर, मेरे पास ही शरण आ, मैं तुम्हें सभी पापों से मुक्त कर दूंगा। 


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