चूड़ी शब्द हिंदी शब्द बंगरी या बंगाली से लिया गया है, जिसका संस्कृत में अर्थ है "आभूषण जो हाथ को सुशोभित करता है"।
कांच, शंख, विभिन्न धातुओं, सोने और हाथी दांत सहित विभिन्न सामग्रियों से बनाया जा रहा है।
कांच की चूड़ियों की आवाज महिलाओं के मोटर अंगों की रक्षा करती है।
चूड़ियां पहनने का वैज्ञानिक कारण:
प्राचीन काल में पुरुष खेतों और जंगलों में जाकर काम करते थे जिसमें बहुत अधिक मांसपेशियों का काम होता था, जबकि महिलाएं घर का सारा काम करती थीं। हालांकि घर के काम में बहुत काम शामिल होता है लेकिन जब पुरुषों के काम की तुलना में यह छोटा सा होता है। घर में बैठने से और अधिक शारीरिक कार्य न करने से रक्तचाप बढ़ने की सम्भावना रहती है, जिससे अधीरता उत्पन्न होती है।
आम तौर पर कलाई का हिस्सा किसी भी इंसान पर लगातार सक्रिय रहता है। इसके अलावा इस हिस्से में नाड़ी की धड़कन की जांच ज्यादातर सभी प्रकार की बीमारियों के लिए की जाती है। महिलाओं द्वारा उपयोग की जाने वाली चूड़ियाँ आमतौर पर किसी के हाथ की कलाई के हिस्से में होती हैं और इसके लगातार घर्षण से रक्त संचार स्तर बढ़ जाता है।
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